काश !!
काश .......काश लब खुलने से पहले ...
समझ लेता कोई आरजू आपकी ।
काश .. लहरों की उलटी दिशा में भी
कोई साथ दे देता आपका
काश ..कुछ एहसास कभी महसूस ना होते
या फ़िर
ये दुनिया के लोग
एहसासों में इतने कंजूस ना होते
काश ..आंखों की भाषा
इतनी पेचीदा ना होती ॥
तो गैरों के ना समझने पर ॥
इन्हे रोना न पड़ता
बस , इक आह जाहिर कर देती है
कई लफ्ज़ जो कह नही पाते
पर इन आहों की किस्मत का क्या करें ..
कुछ इन्हे समझना नही चाहते ...और
कुछ समझ नही पाते ॥
काश
सितारों को पाना
इतना मुश्किल ना होता
या फ़िर ..
मन में कभी इनकी ख्वाइश ना होती ॥
काश
मन में कभी ये "काश "ना होता ॥
पैर रहते यूँ ज़मीन पर ..और
काश ये आकाश ना होता ॥
कश्तियाँ दूर ही अच्छी लगती हैं
पर ..
ख्वाहिश यही होती है
...की काश ..
साहिल पास होता..
अब दिल मिला है तो ..
..कैसे कह दूँ की
..ये धड़कन ही आस-पास ना होता
..
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